महामहिम राजा चुलालोंगकोर्न (राम पंचम) की हार्दिक यादें, 2 का भाग 12024-03-09प्रदर्शन विवरणडाउनलोड Docxऔर पढोलेकिन यह स्पष्ट था कि महामहिम ने शुरू से ही इस बारे में सोचा था। उनका प्यार और परोपकार, उनकी सहानुभूति और उदारता उनके सिंहासन पर बैठने के बाद से ही थी। इससे पता चलता है कि ये गुण उनमें अंतर्निहित थे।