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आज के कार्यक्रम में, हम अपने भोजन विकल्पों पर एक नज़र डालेंगे और सीखेंगे कि हमारे द्वारा तैयार किए जाने वाले व्यंजन हमारे स्वास्थ्य और पृथ्वी के पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं। ऐसे ही एक अध्ययन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 40 प्रमुख खाद्य उत्पादों के पर्यावरणीय प्रभाव की जांच की। साइंस जर्नल के 2018 के अंक में प्रकाशित उनके निष्कर्षों से पता चला है कि "अपने आहार से मांस और डेयरी उत्पादों को काटने से किसी व्यक्ति के भोजन से कार्बन भार दो-तिहाई कम हो सकता है।" अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. जोसेफ पूरे कहते हैं, "वीगन आहार शायद ग्रह पृथ्वी पर आपके भार को कम करने का एकमात्र सबसे बड़ा तरीका है, न केवल ग्रीनहाउस गैसों, बल्कि वैश्विक अम्लीकरण, सुपोषण, भूमि उपयोग और जल उपयोग भी। यह आपकी उड़ानों में कटौती करने या इलेक्ट्रिक कार खरीदने से कहीं बड़ा है।” एक और हालिया अध्ययन रिपोर्ट करता है कि वैश्विक खाद्य उत्पादन में प्रति वर्ष कम से कम "17 अरब मीट्रिक टन GHG (ग्रीनहाउस गैसों) का परिणाम होता है।" इस विशाल कार्बन भार में से, "पशु-आधारित खाद्य पदार्थ उत्सर्जन का 57% हिस्सा हैं, और पौधे-आधारित खाद्य पदार्थ 29% हैं।" इस काम पर एक रिपोर्ट 2021 में वैज्ञानिक पत्रिका नेचर फ़ूड में प्रकाशित हुई थी। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया 2021 का अपनी तरह का पहला अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे पशु-जन उत्पादन से मांस उत्पादन घातक वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है, "पशु आधारित खाद्य उत्पादन से वायु प्रदूषण हर साल 12,700 मौतों से जुड़ा हुआ है।" एल क्विंटानारोएन्से अखबार द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार में, सुप्रीम मास्टर चिंग हाई ने खुलासा किया कि कैसे पशु-जन उत्पादन उद्योग हमारे ग्रह को प्रदूषित कर रहा है। पशु-उत्पादन उद्योग कूल अमोनिया का 64% उत्सर्जित करता है, जो अम्लीय वर्षा और हाइड्रोजन सल्फाइड का कारण बनता है - यह एक बहुत ही घातक गैस है। एक पशु-जन उत्पादन कारखाना उद्योग संयुक्त राज्य अमेरिका में ह्यूस्टन, टेक्सास के पूरे शहर की तुलना में अधिक अपशिष्ट और प्रदूषण पैदा करता है, उन सभी रसायनों, खादों, कीटनाशकों, एंटीबायोटिक दवाओं जो हमारे पानी में चले जाते हैं और हम पीते हैं, उन सब की बारे मे तो बात ही छोडिए। हां, अगर हम इसे छान भी लें, तो हम हमेशा कितना बचा सकते हैं क्योंकि रसायन गंदगी की तरह नहीं होते हैं जिसे आप छान सकते हैं। रेत की तरह नहीं कि आप रेत निकाल सको। रसायन, खाद, ये पदार्थ सिर्फ पानी में घिल जाते हैं। सायद हम उन सभी को फ़िल्टर नहीं कर सकते हैं। हमारे परम प्रिय सुप्रीम मास्टर चिंग हाई ने हमें यह याद दिलाने के लिए अथक प्रयास किया है कि जलवायु परिवर्तन का एकमात्र समाधान: वीगन जीवन शैली को वैश्विक रूप से अपनाना है। अगर हम अपने आपदाओं को जन्म देने वाले, विनाशकारी तरीके को नहीं बदलते हैं, तो आपदाएं कभी खत्म नहीं होंगी। जब भी दुनिया में कहीं भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो मेरे आंसू निकल आते हैं। लोगों की पीड़ा के लिए मेरा दिल दुखता है। मै वह महसूस करती हूं जो वे करते हैं, और मैं बहुत, बहुत ही दुखी होती हूं। लेकिन हम मूल समस्या से निपटकर ही आपदा को हमेशा के लिए रोक सकते हैं; यानी बेगुनाह पशु-जनों की सामूहिक हत्या को रोककर। जब हम इस पृथ्वी पर शांति और प्रेम से चलेंगे तभी पृथ्वी और प्रकृति हमें शांति से जवाब देगी। हम दूसरों की रक्षा करेंगे तो हम सुरक्षित रहेंगे।