और यदि आप वास्तव में मुझे धन्यवाद देते हैं और मेरे प्रयास, या मेरी अनुस्मारक बात की सराहना करते हैं, तो कृपया ऐसा ही करें। इससे काफी मदद मिलेगी। सबसे पहले, आप, आपका परिवार, आपका देश और कोई भी चीज़ जिससे आप प्यार करते हैं, कोई भी जिससे आप प्यार करते हैं, आपका कोई दोस्त, आपके पालतू जानवर, आपका व्यवसाय, आपकी संपत्ति, आपकी ख़ुशी, वह सब कुछ जो आप कभी चाहते हैं, वैसे होता है जिस तरह से आप अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह वास्तव में बहुत कुछ नहीं है, बस: वीगन बनें, शांति बनाएं, अच्छे कर्म करें, मतलब जरूरतमंदों की मदद करना।
हे । आप सभी को, नमस्कार। यह वाला केवल दर्शकों और उन सभी के लिए है जिन्होंने प्रार्थना की, प्रशंसा की और मुझे शब्दों में, भौतिक शब्दों और गीतों में धन्यवाद दिया, जिन्हें मैंने समाधि से बाहर आने के बाद भी शारीरिक रूप से सुना था। मैं बस आपको धन्यवाद देना चाहती हूँ। मैं अभी भी, बहुत प्रभावित हूं। वह कुछ दिन पहले था। और इसमें भाग लेने वाली आप लोगों की भारी संख्या ने मुझे सचमुच चौंका दिया। वहाँ था... यदि इस ग्रह की जनसंख्या की देखभाल करने वाले देवताओं की ओर से दी गई जानकारी सही है, तो विश्व नागरिकों की संख्या 3.8 प्लस अरबों थी। मैं चाहती हूं कि पूरे विश्व के नागरिकों को यह पता चले, मैंने जो बातचीत की उसे देखें और उन्होंने नवीनतम फ्लाई-इन समाचार के रूप में प्रसारित किया। लेकिन फिर भी, संख्या मुझे सचमुच चौंकाने वाला है। यह सचमुच मेरे लिए एक सदमा है। मैं अभी भी आपको धन्यवाद देने और अपनी प्रशंसा, आशा और आश्चर्यचकित खुशी व्यक्त करने के लिए शब्दों के लिए संघर्ष कर रही हूं।
फिर भी, हमें, आपको, मुझे, सभी को हमारे जीवन में होने वाली किसी भी शांति और खुशी के लिए सर्वशक्तिमान, वास्तविक दयालु, दयालु ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए। प्रतिदिन, मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं और वह एक कर्ता है। वह सब कुछ है। मुझे कहना चाहिए कि वह ही सब कुछ है, क्योंकि इसका मतलब है वह और वह, क्योंकि हम यह निर्धारित नहीं कर सकते कि ईश्वर सिर्फ मर्दाना ही है। ईश्वर सब कुछ हैं; ईश्वर ही सब कुछ हैं - वास्तविक ईश्वर। और हमें सभी मास्टर्ज़ को भी धन्यवाद देना होगा: अतीत, वर्तमान और शायद भविष्य के, हमें कुछ मदद देने के लिए भी। हम अपने समय के सभी संतों और साधुओं को भी धन्यवाद देते हैं: स्वर्ग में, पृथ्वी पर, साथ ही ब्रह्मांड में कहीं और, शांति और वीगन दुनिया स्थापित करने में हमारी मदद करने के लिए, इस दुनिया को हम सभी के लिए बेफिक्र होकर आनंद लेने के लिए स्वर्ग बनाने के लिए, मुक्त, और आनंदित, अभी और उसके बाद। हम इंसान हो सकते हैं, लेकिन हमें दर्द, पीड़ा, एक-दूसरे के साथ और अन्य प्राणियों के साथ युद्ध में नहीं रहना चाहिए। क्योंकि ये हम पर बहुत अधिक बोझ, बहुत अधिक चिंता, बहुत अधिक पीड़ा का कारण बनते हैं, जिसके हम लायक नहीं हैं।
आपको मेरा धन्यवाद या मेरी प्रशंसा बिल्कुल नहीं करनी चाहिए; मैं उस साधन का एक बहुत ही विनम्र हिस्सा हूं जो शांति या वीगन दुनिया को संभव बनाता है। यदि यह संभव है, तो मैं अभी भी इसके लिए संघर्ष कर रही हूं, इसके लिए लड़ रही हूं। और यदि आप वास्तव में मुझे धन्यवाद देते हैं और मेरे प्रयास, या मेरी अनुस्मारक बात की सराहना करते हैं, तो कृपया ऐसा ही करें। इससे काफी मदद मिलेगी। सबसे पहले, आप, आपका परिवार, आपका देश और कोई भी चीज़ जिससे आप प्यार करते हैं, कोई भी जिससे आप प्यार करते हैं, आपका कोई दोस्त, आपके पालतू जानवर, आपका व्यवसाय, आपकी संपत्ति, आपकी ख़ुशी, वह सब कुछ जो आप कभी चाहते हैं, वैसे होता है जिस तरह से आप अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह वास्तव में बहुत कुछ नहीं है, बस: वीगन बनें, शांति बनाएं, अच्छे कर्म करें, मतलब जरूरतमंदों की मदद करना। वास्तव में, हमें बस इतना ही करना है। और हमें अभी भी भगवान का शुक्रिया करना है कि हम ऐसा करने में सक्षम हैं। कि हमें यह सब करने का विशेषाधिकार, सम्मान, शक्ति प्राप्त है।
बस तीन चीजें: वीगन बनें, शांति बनाएं, अच्छे कर्म करें। प्रतिदिन ईश्वर को धन्यवाद देना और स्वर्ग की स्तुति करना। हमें शांति के राजा को भी धन्यवाद देना होगा, अगर हमारी दुनिया के लिए कोई शांति या कोई वीगन सफलता मिलती है, तो यह सर्वशक्तिमान ईश्वर, सभी देवताओं, स्वर्ग के अच्छे देवताओं, सभी मास्टर्ज़, सभी संतों और ऋषियों, साथ ही साथ शांति के राजा, और वीगन का राजा के कारण है। कृपया, मेरे लिए उन सभी को धन्यवाद दें। मैं हर रोज़ उन्हें धन्यवाद देती हूं। मैं अभी भी नतीजे आने का इंतजार कर रही हूं। मैं भगवान से बात भी कर रही हूं और मैंने भगवान से कहा है कि इंसानों को मदद की जरूरत है। अकेले इंसान की ही ग़लती नहीं हैं। जिसने भी इस दुनिया को इतने अराजक तरीके से बनाया, या इस सारी अराजकता को घटित होने में मदद की, वह दोषी है। मैं इस बारे में भगवान से बहस करती रही हूं। मैंने कहा, “अगर वह कोई भी है जो चीज़ें बना सकता है लेकिन चीज़ों को ठीक नहीं कर सकता, तो उन्हें स्वर्ग पदानुक्रम क्रम से इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं यह स्वीकार नहीं करती कि सभी पापों का दोष मनुष्यों पर मढ़ा जाए। मैं स्वीकार नहीं करती..." मैंने कहा, “मैं इसे स्वीकार नहीं करती!” मैं उस व्यक्ति को दोषी मानती हूँ जिसने यह सारी अव्यवस्था, यह सारा प्रलोभन, यह सब मनुष्य को गिराने के जाल और चालें रची हैं। क्योंकि इस भौतिक संसार में, पवित्र बने रहना और गिरना नहीं बहुत कठिन है। मैंने भगवान से बहस करने के लिए सभी संभव शब्दों का इस्तेमाल किया है। और मैं कबूल करती हूं, मैं इस तथाकथित निर्माता पर चिल्ला रही थी और उन्हें दफा हो जाने के लिए कहा था। यदि इसे ठीक नहीं कर सकते, तो दफा हो जाए। हम इंसानों को रहने दें। मैं जानती हूं कि शायद मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, लेकिन मैंने किया। खैर, मैंने ऐसा किया, सिर्फ एक बार ही नहीं, यह पहली बार नहीं है। मैंने ऐसा पहले भी कई बार किया है, जब भी मैं हताशा से पूरी तरह भर जाती हूं, जब भी मैं इंसानों और जानवरों की पीड़ा से अत्यधिक भर जाती हूं।
तो कृपया मेरी मदद करें, कृपया वीगन बनने और शांति बनाने में मेरी मदद करें। और यदि आप कर सकते हैं, दूसरों की मदद करें। अन्य का मतलब सिर्फ इंसान ही नहीं - जानवर-मानव, पेड़-पौधे - इनकी रक्षा करें। जहाँ भी संभव हो उन्हें संरक्षित करें क्योंकि वे हमारी दुनिया के लिए अच्छे हैं। वे आपके लिए अच्छे हैं, ग्रह के लिए अच्छे हैं, और मेरे लिए अच्छे हैं। कृपया मेरी मदद करें। और मैं इसकी उससे भी अधिक सराहना करूंगी जो आप गीत गाते हैं और मुझे धन्यवाद देते हैं, जो मेरे शारीरिक कानों तक भी पहुंचे। मैं इतना चकित थी कि मानव गीत भी... मेरा मतलब मेरे अपने दीक्षार्थियों, शिष्यों या मेरे तथाकथित संस्था के सदस्यों से नहीं है। मेरा मतलब है आप, वहां बाहर के लोग। जिन लोगों ने फ़्लाई-इन समाचाऱ को सुना या देखा है, जो उन्होंने सुप्रीम मास्टर टेलीविज़न पर मेरे लोगों से मेरी बातचीत और इसका कुछ हिस्सा आप, दर्शकों के लिए भी प्रसारित किया है।
मेरा मतलब है, इस भौतिक संसार में मेरे लिए स्वर्ग से संदेश सुनना भी कठिन है। भले ही मैं उन्हें सुनती हूं, मैं उनकी नकल करती हूं, मैं हर रोज़, लगभग हर रोज़ संदेश लेती हूं, लेकिन फिर भी, बहुत सारे खो जाते हैं क्योंकि मैं बहुत व्यस्त होती हूं। मुझे बहुत सारा काम करना होता है, बहुत सारा भौतिक काम करना होता है और अंदरूनी काम भी करना होता है। मेरे पास स्वर्ग का काम है, नर्क का काम है, और पृथ्वी का काम है। और मैं आपसे कुछ भी त्याग करने की मांग नहीं करती हूँ, बस मांस का वह टुकड़ा नीचे रख दीजिए। यह बहुत ज्यादा नहीं है। और एक दूसरे के साथ शांति बनाओ, क्योंकि हम ऐसे ही जीते हैं। यदि हम शांति चाहते हैं, तो हमें शांति बनानी होगी।
मैं आपको कुछ बताने जा रही हूँ। आप सोच सकते हैं कि मैं घमंड कर रही हूं लेकिन ऐसा नहीं है। मैं बस आपको ये बताना चाहती हूं कि मैं भी बलिदान करती हूं। यदि आप मेरे अनुरोध को बलिदान कहते हैं, तो मैं भी बहुत बलिदान करती हूँ। सबसे पहले, आप जानते हैं कि मैं वीगन हूं। मैंने बहुत सारी वित्तीय संपत्ति और नकदी खो दी है। मेरा बैंक (खाता) ब्लॉक कर दिया गया है उनमें से कुछ संस्थाओं द्वारा, बिना किसी कारण के। लेकिन मैं ऐसे ही बाहर नहीं जा सकती हूँ, अदालत नहीं जा सकती, उन पर मुकदमा नहीं कर सकती, और अपने पैसे वापस नहीं ले सकती। मैंने इसे ऐसे ही रहने दिया। मेरा मतलब है मेरे कई करोड़ पैसे, पूरी तरह से मेरा पैसा, ईमानदारी से कमाया हुआ पैसा। मैं पाँच उपदेश लेती हूँ। उनमें से एक है चोरी नहीं करना। तो, यह सारा पैसा मेरा है- मैंने इसे कमाया है, मैंने इसे विभिन्न तरीकों से बनाया है: शायद कलात्मक रूप से, या चीजें बेचकर। लेकिन उसकी परवाह नहीं करें। मैं आपको सिर्फ इसलिए बता रही हूं ताकि आप जान सकें।
तो, अभी, मेरे हाथों में शायद कुछ दसियों हज़ार हैं - बस अगर मुझे बाहर जाना पड़े। लेकिन मुझे बाहर जाने की इजाजत भी नहीं है। एकांतवास करने के लिए मुझे एक ही स्थान पर रहना होगा। केवल खरीदारी या कहीं भी बाहर जाने की अनुमति ही नहीं है, यहां तक कि ताजी हवा के लिए सड़क पर भी जाने की भी अनुमति नहीं है। कभी-कभी, मैं चुपके से निकल जाती हूँ, पास में कुछ तस्वीरें लेने के लिए "जुर्माना" का जोखिम उठाते। मैं बहुत दूर नहीं जा सकती, शायद कुछ सौ मीटर, बस इतना ही। सिर्फ फोटो खींचने के लिए, और कुछ नहीं; और तेजी से घर वापस भागते।
मैं जो कुछ भी चाहती हूं, यहां तक कि शांति और वीगन भी - यह मेरी नहीं है, यह आपके लिए है - मुझे अभी भी भुगतान करना होता है। मेरे पैसे भी चोरी हो गए। मेरी सारी बचत चोरी हो गई, इसलिए मेरे पास अब बहुत कम पैसे बचे हैं। मैं कोई भी घर नहीं खरीद सकती। मैं कुछ भी नहीं कर सकती। मैं यात्रा नहीं कर सकती। मैं बस एक मुफ़्त (काम का) भोजन का आनंद लेने के लिए किसी रेस्तरां में भी नहीं जा सकती, जो वहां तैयार है और मेरे लिए परोसा जाता है। मैं खरीदारी के लिए भी नहीं जा सकती जो मुझे चाहिए, जो मुझे पसंद है - मुझे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऑनलाइन चीज़ें। मैं अपने आसपास किसी तथाकथित निवासी सहायक को भी नहीं रख सकती क्योंकि वे भी मेरे काम में एक प्रकार का ध्यान भटकाने वाले होंगे। और फिर मुझे उनकी मनोदशा, इंसानों की मनोदशा, इंसानों के स्वभाव, इंसानों की इच्छा, इंसानों के व्यक्तित्व, जो भी हो, पर ध्यान देना होगा। आपको यह पता है। आपको यह पता है। आपके परिवार हैं, आप जानते हैं, आपके मित्र हैं, आप जानते हैं, आपके पति-पत्नी हैं, बच्चे हैं - आप यह जानते हैं।
मैं वैसा ही करती रही हूं, जैसे आप करते हैं। भले ही मैं आपकी तरह शादीशुदा नहीं हूं, या आपके जैसे बच्चे नहीं हैं, लेकिन मुझे कई लोगों के साथ काम करना पड़ता है। मेरा परिवार बड़ा था – अभी भी बड़ा है। मैं पहले उनके साथ रहती थी, सभी निवासियों के साथ। यह एक परिवार की तरह है और आप जानते हैं कि यह कैसा है। इतने सारे लोगों के साथ व्यवहार करना और उनके साथ रहना, हर रोज़ भी। लेकिन मैं छोटी थी। मुझमें ऊर्जा अधिक थी और काम कम। अब, मुझे अंदर और बाहर बहुत अधिक काम करना होता है। मैं बात कर रही हूँ जैसे मुझे याद आ रहा है। इस प्रकार या उस श्रेणी या किसी भी चीज़ का कोई नियम नहीं है, इसलिए कृपया इसे सहन करें।
और क्या? मुझे भी बहुत त्याग करना होता है। मैं अपने पक्षी-लोग नहीं रख सकती, जिनसे मैं बहुत प्यार करती हूँ। कई वर्षों से, मैं उन्हें पहले ही नहीं देख सकी। और मैं अपने कुत्ते-लोगों को भी नहीं देख सकती, जिन्हें मैं बहुत प्यार करती हूँ। कभी कभी मैं दूरसंवाद के माध्यम से उनसे संवाद कर सकती हूं। हर समय नहीं। और मुझे उनकी बहुत याद आती है, और वे भी मुझे बहुत याद करते हैं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें नहीं मिल सकती और वे समझ गये। वे समझ गए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम एक-दूसरे को इतना याद नहीं करते। कभी-कभी मैं अकेले में रोती हूं। मैं अकेले रोती हूं। मैं अकेले काम करती हूं। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इस ग्रह पर कोई भी यह समझ पाएगा कि मैं क्या कर रही हूं, मैं क्या महसूस कर रही हूं, मेरे बारे में कुछ भी। लेकिन, अब मैं और अपने लिए नहीं हूं, मैं अपने लिए काम नहीं करती। मैं अपने लिए कुछ नहीं मांगती। मैं बस इतना माँगती हूं कि मैं भगवान की इच्छा के लिए काम करने के लिए इतनी मजबूत हो सकूं कि फंसी हुई अधिक से अधिक आत्माओं को बचा सकूं। जिन्हें अपने दिमाग, अपने तर्क, अपनी समझ और अपने पवित्र स्वभाव को खोने का जहर दिया गया है।
मुझे आप सभी के लिए बहुत दुख होता है, उतना ही जितना मुझे उन सभी शारीरिक कष्टों के लिए खेद होता है जो आप और जानवर-लोग अंतहीन रूप से सहते हैं। हर रोज़ मुझे इसके साथ काम करना पड़ता है। मुझे हमारे द्वारा बनाए जाने वाले समाचारों और कार्यक्रम में हर जगह मानवीय पीड़ा और जानवरों-लोगों की पीड़ा को देखना पड़ता है। मुझे उनमें से कुछ उन्हें प्रदान भी करना होता अहै; मुझे उन्हें यह सारी ख़बरें भी उपलब्ध करानी पड़ती हैं ताकि वे इसे कार्यक्रम में शामिल कर सकें ताकि आपको युद्ध की वास्तविकता, पशु-लोगों के बूचड़खानों की पीड़ा की वास्तविकता के बारे में बताया जा सके। और उन सभी की वास्तविकता जो हमारे ग्रह के तापमान को प्रभावित करती है और दुनिया में हर जगह बहुत अधिक क्षति, पीड़ा का कारण बनती है। हर रोज़ जब आप समाचार खोलते हैं, तो आप कम से कम कुछ लोगों को आपदाओं से, युद्ध से, भूख से, और बूचड़खाने या अन्य जगहों पर तड़पते जानवरों से पीड़ित देखेंगे।