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पवित्र कुरान से कुछ अंश, अध्याय १७, अल-इसरा (रात की यात्रा), दो भाग श्रंखला का भाग २

विवरण
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It is your Lord who drives the ship for you through the sea that you may seek of His bounty. Indeed, He is ever, to you, Merciful. And when adversity touches you at sea, lost are those you invoke except for Him. But when He delivers you to the land, you turn away. And ever is man ungrateful.
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